69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे हैं। अचानक से इकठ्ठा हुई भीड़ को सँभालते दिखे सुरक्षाकर्मी। अखिलेश यादव से कर रहे है मिलने की मांग। लखनऊ स्थित ईको गार्डन में नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर धरने पर बैठे 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना लगातार जारी है।
इसी क्रम में सोमवार को भी सुबह से लेकर रात तक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चलता रहा। सोमवार रात को ही बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात करने विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे थे। हालांकि इस दौरान अभ्यर्थियों की सपा मुखिया से मुलाकात नहीं हो पाई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सुबह मुलाकात के लिए समय दिया है।
दरअसल धरनारत अभ्यर्थी 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षित वर्ग की 6800 सीटों पर नियुक्ति पत्र की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थी इसे घोटाला बताते हुए काफी समय से अपनी मांग को लेकर लखनऊ के ईको गार्डन में धरना दे रहे हैं। इसको लेकर दर-दर भटक रहे अभ्यर्थियों को हर जगह से सिर्फ आश्वासन मिलने के चलते अभ्यर्थियों ने सोमवार सुबह ही पूर्व मंत्री के आवास पर धावा बोल दिया।
अभ्यर्थियों ने हाल ही में एनडीए का हिस्सा बने सुभासपा मुखिया और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर के लखनऊ स्थित आवास पर नारेबाजी करते हुए जमकर धरना प्रदर्शन किया। जिसके बाद ओपी राजभर ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने का आश्वासन दिया था। उधर पुलिस ने अभ्यर्थियों को ईको गार्डन भेज दिया था।
इसी बीच आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी धरनारत अभ्यर्थियों से मिलने ईको गार्डन पहुंच गए थे। चंद्रशेखर आजाद ने अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की मांग करते हुए बीजेपी सरकार के दलित, पिछड़े मंत्रियों पर जमकर हमला बोला।
आजाद ने पिछड़े, दलित समाज से आने वाले मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर इन अभ्यर्थियों के लिए नहीं लड़ सकते तो वो राजनीति किसके लिए कर रहे हैं। आजाद ने कहा कि इसका मतलब यही है कि वे अपने स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं। इनके स्वार्थ की राजनीति के चक्कर में इन अभ्यर्थियों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।